रुलाया ना कर हर बात पर
ए जिंदगी..
----
जरूरी नहीं सबकी किस्मत में चुप कराने वाले हो...
मेरे नजदीक आ के देख मेरे अहसास की शिद्दत,
ये दिल
कितना धड़कता है,,तेरा नाम आने पर…
तरस जाता है दिल मेरा उनसे बात करने को।। ।
।
खुशनसीब है वो लोग जो तेरे साथ रहते hai..
ज़माने के सवालों को मैं हँस के टाल दूँ..
लेकिन नमी आखों की
कहती है
"मुझे तुम याद आते हो...
.
तेरे हुस्न से कितना अलग ही तेरी बातों का अंदाज़..
इतने नर्म
होठों से कितना सख्त बोलते हो..
सिर्फ मैं हाथ थाम सकूँ उसका ,
मुझ पे इतनी इबादत सी कर
दे,
वो रह ना पाऐ एक पल भी मेरे बिन,
ऐ खुदा तु उसको मेरी
आदत सी कर दे...
हमारे ज़ख्मो की वजह भी वो हैं.!
हमारे ज़ख्मो की दवा भी वो
हैं.!
वो नमक ज़ख्मो पे लगाये भी तो क्या हुआ.!
मोहब्बत
करने की वजह भी तो वो है...
पगली कभी मुझे आजमा के तो देख...
कसम से ना तो तेरी
आखों से काजल बहने दूगां और ना ही कभी तेरे होठों पे
Lip Stick रहने दूगां...
आज बहुत दुख हो रहा है,
हाल-ए-जिन्दगी पर,
काश मैंने भी
हद में रहकर मोहब्बत की होती ...
क्या अजीब सी ज़िद है हम दोनों की,
तेरी मर्ज़ी हमसे जुदा
होने की और मेरी तेरे पीछे तबाह होने की...
खूबियाँ इतनी तो नही हम मे,
की किसी के दिल मे हम घर बना
पाएंगे,
पर भुलाना भी आसान ना होगा हमे,
साथ कुछ ऎसा
निभा जाएंगे…
ऐ समन्दर मैं तुझसे वाकिफ हूं मगर इतना बताता हूं,
वो आंखें तुझसे ज्यादा गहरीहैं जिनका मैं आशिक हू...
जिन्दगी में कोई दूसरा आ ही नहीं पाया,
भरोसा ही कुछ ऐसा
था तेरे लौट आने का ...
तुझको चुन लिया है मैंने ज़िंदगी भर के लिये,
मैं कोई बेईमान
नहीं कि रोज़-रोज़ ईमान बदलूँ...
मेरी ज़रुरत और ख्वाहिश दोनों तुम हो ..! .
.
और..
.
.
अगर रब की कभी मेहरबानी हुई ...
तो कोई एक तो पूरी होगी...
कभी फुर्सत मिले तो सोचना जरूर,
एक लापरवाह लड़का क्यों
तेरी परवाह करता था...
इश्क़ की तमन्ना तो हम भी रखते हैं,
धडकनो की तरह किसी
के दिल मे धड़कते हैं,
ना जाने वो कब कहाँ मिलेंगे मगर उनके
लिए हम तो रोज़ तड़प्ते ह...
फुर्सत गर मिले तो देख जाना तुम कभी
मैंने कितनी सादगी से संभाले हैं तेरे गम...
कुछ इस अदा से तोड़े है ताल्लुक़ात उसने
मुद्दतों से ढूंढ़ रहा हू कसूर अपना...
कुछ चंद सिक्के कमाकर अपने रंग बदल लेते है लोग....
हमें लोगों के रंग बदलने वाला हुनर अच्छा नही लगता....
बस एक बार आके अपना चहेरा दिखा दिया करो.....
तेरी तस्वीर भी धूंधली हो गई है बार बार चूमने से...
शायद तेरा नजरिया मेरे "नजरिए से अलग था,
तू वक्त गुजारना चाहती थी,
और मे जिन्दगी...
अब तो अपनी तबियत भी कुछ जुदा सी लगती है;
सांस लेता हूँ तो ज़ख्मों को हवा सी लगती है;
कभी राज़ी तो कभी मुझसे खफा सी लगती है;
ज़िंदगी तु ही बता कि तु मेरी क्या लगती है...
किरदार देखना है तो सूरत न देखिए
मिलता नहीं ज़मीं का पता आसमान से
“न हो कुबूल...
तो किस्मत मेरे सज़दों की,
मगर...
यह सर नही है और किसी के दर के लिये...
तबदीली जब भी आती है, मौसम की अदाओं में,
किसी का यूं बदल जाना,
बहुत याद आता है...
Bahut sargoshiyan hain ..
Teri aajkal jamane main....
Mere lafjon me log Teri..
tasveer dekhne lage hain....
|- ♥:;
ĸaaѕн yeн zalιм jυdaaι na нoтι.....
ㅤㅤ ㅤㅤㅤㅤㅤ ㅤㅤㅤㅤㅤ ㅤㅤㅤ
ㅤㅤ ㅤㅤㅤㅤㅤ ㅤㅤㅤae ĸнυda тυne yeн cнeez вanayι na нoтι..... [ ]
ㅤㅤ ㅤㅤㅤㅤㅤ ㅤㅤㅤㅤㅤ ㅤㅤㅤ
na нυм υnѕe мιlтe na pyar нoтa..... = *[[
ㅤㅤ ㅤㅤㅤㅤㅤ ㅤㅤㅤㅤㅤ ㅤㅤㅤ
ㅤㅤ ㅤㅤㅤㅤㅤ ㅤㅤㅤㅤㅤzιndιgι jo apnι тнι woн parayι na нoтι...
झलक जाने दो पैमाने महखाने भी क्या याद रखेंगे
आया था कोई दीवाना अपनी मोहब्बत को भूलाने...
ना थी मेरी तमन्ना कभी तेरे बगैर रहने की लेकिन..
मज़बूर को,
मज़बूर की, मज़बूरियां,
मज़बूर कर देती है...
शब्दों की प्यास किसे है
मुझे तो तुम्हारी खामोंशियों से इश्क है...
कोरा कागज़ था और कुछ बिखरे हुए लफ़्ज़...
ज़िक्र तेरा आया तो सारा कागज़ गुलाबी हो गया...
मेरे लिए वो एक पल ही काफ़ी है
जिसमें तुम शामिल हों..
उस पल से ज्यादा तो जन्नत की भीे
ख़्वाहिश नही मुझे...
मोहब्बत भी उस मोड़ पे पहुँच चुकी है,
की अब
बीवी को प्यार भरा मेसेज करो,
तो वो पूछती है
..आपको किसने भेजा...
तू पास नहीं मेरे फिर भी तेरी याद से मोहब्बत की हैं..
कभी तूने भी मुझे याद किया होगा,
मैने इस एहसास से मोहब्बत की हैं...
कुछ सोचूं तो तेरा ख्याल आ जाता है;
कुछ बोलूं तो तेरा नाम आ जाता है;
कब तलक बयाँ करूँ दिल की बात;
हर सांस में अब तेरा एहसास आ जाता है...
ये इश्क भी क्या चीज़ है ग़ालिब..
एक वो है जो धोखा दिए जाते हैं..
और एक हम है,
मौका दिए जाते हैं...
सोचा की आज तेरे सिवा कुछ लिखूं,
अभी तक सोच रहा हूँ की तेरे सिवा क्या सोचूं...
वो झगड़ा भी इस नजाकत से करते हैं........
के हमे उनसे और मोहब्बत का गहरा एहसास होने लगता है....
अच्छे दोस्त "हाथ" और "आँख" की तरह होते हैं,
जब "हाथ" को तकलीफ होती है तो "आँख" रोती है,
और जब "आँख" रोती है तो "हाथ" आंसू पोछते हैं...
बड़ा ही सरल है..........
मेरे प्यार का व्याकरण ,
कुछ मैं तुम्हारी मान लूँ ...
कुछ तुम मेरी मान लो...
ना नमाज़ आती है मुझे,
ना वज़ू आता है,...
सज़दा कर लेता हूँ जब सामने तू आता है…
कास तुम मेरे होते......
सांस ही थम जाती..
अगर ये अल्फाज तेरे होते...
छोटी-छोटी बातें दिल में रखने से बड़े-बड़े रिश्ते कमज़ोर हो जाते है।...
भुल जाने का बहाना न बना देना,
दुर जाने की बस वजह बता देना,
हम खुद ही चले जायेंगे आपकी ज़िन्दगी से,
पर जहां आपकी याद न आए , वो जगह बता देना...
जिस्म से होने वाले प्यार घटते बढ़ते रहते हैं,
मगर जो प्यार रूह से हो जाए,
उसकी कीमत का अंदाज लगाना नामुमकिन है...
कुछ नहीं ताल्लुक रहा उसके जाने के बाद इस जिंदगी से..
बस कल जिस जगह दिल हुआ करता था आज वहा दर्द होता है..
तेरे सजदे तुझे काफिर न बना दें ए इन्सान
तू झुकता कहीं और है
और सोचता कहीं और है
दस्तक में कोई दर्द की ख़ुश्बू ज़रूर थी,
दरवाज़ा खोलने के लिए घर का घर उठा...
आज जो हम "परफ्यूम" लगाकर घूम रहे है...
वोह
हकीकत में हमारे पिताजी के "पसीने" की खुशबु है...
Happy Father Day
Aur isi tarh ki best shayari k liy
Hamare group ko join
kare
और कमेंट मे जरूत लिखे
पोस्ट कैसी लगी आपकों
धन्यवाद
Post a Comment